आकाश नागर, ग्रेटर नॉएडा इसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगो का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जिस सपनो और उम्मीद को लेकर उन्होने अपनी जमीन दी वह सपने धुमिल हो गये । उनकी उम्मीदो पर पानी फिर गया । ना उनके भविष्य की कोई योजना बनी और ना ही जमीन जाने के बाद उनका जीवन सुधर सका । आज वह जमीन जाने के बाद अपने आपको छला हुआ महसुस कर रहे है । छल - कपट के इस दौर में कुछ आन्दोलनकारी उनके हितेषी बनकर समय - समय पर सामने आते रहे है। जो जनहित की बजाय स्वहित कर कुछ दिनों बाद क्षेत्र में दिखाई देना भी बंद हो जाते है । लेकिन इस बार क्षेत्र के लिए दो आन्दोलनकारी नेताओं रविंद्र भाटी और सुनील फौजी के आगे आने से लोगो खासकर किसानों और बेरोजगार युवको में आशा और उम्मीद का नया सपना जगा है । जनता का यह सपना शायद इस बार जरूर पुरा होगा ।


नोएडा और ग्रेटर नोएडा की स्थापना औद्योगिक शहर के रूप में हुई थी । तब शहर की परिकल्पना करते हुए विकास का जो खाका खींचा गया, उसमें स्पष्ट था कि यहां उद्योग धंधे लगेंगे ।जिनमें स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्राथमिकता के आधार पर दिलाया जाएगा। लेकिन आज स्थानीय लोग ना रोजगार ही ले पाए हैं और ना ही अपनी जमीनें के मालिक ही रह पाए हैं । उनकी जमीनें तो चली गई लेकिन रोजगार आज तक नहीं मिला । जो भी कंपनी यहां आई स्थानीय युवकों को रोजगार के नाम पर मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करती रही । लेकिन अब ऐसा हरगिज नहीं होगा । स्थानीय युवकों को रोजगार के लिए बड़ा आंदोलन शुरू हो चुका है । जिसकी अगुवाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य रविंद्र भाटी कर रहे हैं । साथ ही वेव सिटी के आंदोलन की भी हुंकार भर दी गई है । वेव सिटी के किसानों के साथ हुए छल और घोषणाओं के बाद भी उनको उनका वाजिब हक ने मिलने पर किसानों ने आंदोलनकारी नेता सुनील फौजी के नेतृत्व में लड़ाई शुरू कर दी है । स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार और वेब सिटी से प्रभावित किसानों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आज कचैडा गांव से एक जोरदार मोटरसाइकिल रैली की शुरुआत की गयी । जिसमें किसान नेता सुनील फौजी ,  जिला पंचायत सदस्य रविंद्र भाटी और गुर्जर संगठन के नेता महेंद्र नागर पहलवानृ के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने मोटरसाइकिल के साथ जोरदार रैली की । यह रैली कचैड़ा से शुरू होकर दुरयाई ,बयाना , नायफल इकला , इनायतपुर होते हुए दुजाना गांव में समाप्त हुई । रैली ने वेव सिटी के कार्यालय पर भी जोरदार प्रदर्शन किया । जिससे वेव सिटी के पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया । पोंटी चड्ढा की वेब सिटी में आज चारों तरफ मोटरसाइकिल और उन पर सवार आंदोलनकारी नेतृत्व दिख रहा था । लग रहा था की यह रैली नहीं एक जनशक्ति प्रदर्शन है । यह रैली वेव सिटी के साथ ही चेतावनी है नोएडा ग्रेटर नोएडा में स्थापित होने वाली उन कंपनियों के मालिकों के लिए जो स्थानीय युवकों को रोजगार में तरजीह नहीं देते हैं । युवा नेता रविंद्र भाटी ने पिछले कई महीनों से सैमसंग कंपनी में स्थानीय युवकों को नौकरी दिलाने के लिए जोरदार आंदोलन शुरू कर रखा है । जिसमें उन्होंने मांग की है कि स्थानीय युवकों को 50% प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाए । इसके चलते वह कई बार धरना - प्रदर्शन कर चुके हैं । एक बार तो इस मामले को लेकर वह दर्जनों लोगों के साथ जेल जा चुके हैं । लेकिन इस बार आगामी 10 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर युवाओं का सबसे बड़ा आंदोलन होगा ।


इस आंदोलन के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा कि सैमसंग कंपनी में स्थानीय युवकों को रोजगार दिया जाएगा या लाॅलीपाप। अगर सैमसंग कंपनी में रोजगार नहीं दिया गया तो स्थानीय युवक आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे । वहीं दूसरी तरफ वेव सिटी के आंदोलन को लेकर कई सालों से सक्रिय आंदोलनकारी नेता सुनील फौजी के नेतृत्व में अब कयी गावों के लोग आगे आ रहे हैं ।कचैड़ा गांव के साथ ही दुरयाई दुजाना, इकला ,इनायतपुर आदि गांवों के किसान एकजुट हो रहे हैं । कचैड़ा में हुई आज की सभा में सुनील फौजी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की इस लड़ाई को अन्ना हजारे के आंदोलन से जोड़ा जाएगा । इसके लिए एनसीआर के सभी किसान 2 अक्टूबर को जंतर मंतर पर एकत्रित होंगे ।इसके बाद अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में आगे की योजना बनाई जाएगी । 




Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours